Muhabbat Hindi
Muhabbat Hindi Story : Ek Bandi Ki Muhabbat
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एक व्यक्ति बाजार से गुज़र रहा था उसने देखा कि एक बांदी (गुलाम औरत) का मालिक उसे बेच रहा है मगर खरीदार कोई नहीं, वह बांदी देखने में बहुत दुबली पतली सी दिख रही थी, उस व्यक्ति ने इस बांदी को मामूली दामों में खरीद लिया,
जब रात आंख लखली तो उसने देखा कि वह बांदी तहज्जुद की नमाज़ पढ़कर प्रार्थना कर रही है, और कह रही है “हे अल्लाह आप को मझसे मुहब्बत रखने की क़सम” इस व्यक्ति ने टोका कि ऐसा मत कहो बल्कि यह कहो, ऐ अल्लाह मुझे आप से प्यार रखने की क़सम, यह सुनकर वह बांदी बिगड़ गई और कहने लगी मेरे स्वामी यदि अल्लाह को मुझसे प्यार न होता तो मुझे सारी रात मुसल्ले पर न बिठाता और आप को यूं मीठी नींद न सुलाता, यह कहकर बांदी ने रो रो कर दुआ की के ऐ अल्लाह अभी तक मेरा मामला छिपा था अब लोगों को पता चल गया है तू मुझे अपने पास बुला ले, तो वहीं मुसल्ले पर बैठे बैठे उसकी रूह निकल गई।
(इश्क़े इलाही उर्दू पेज 44)
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